Pankaj Tripathi: गांव के नाटक में लड़की का किरदार निभाते थे पंकज त्रिपाठी, ऐसे तय किया बड़े पर्दे तक का सफर

Bollywood actor, Pankaj Tripathi arrives for the green carpet of 22nd edition of the International Indian Film Academy (IIFA) Awards in Abu Dhabi on June 4, 2022. (Photo by Ryan LIM / AFP) (Photo by RYAN LIM/AFP via Getty Images)

बॉलीवुड के बेहतरीन अभिनेताओं की लिस्ट में शुमार पंकज त्रिपाठी आज अपना 46वां जन्मदिन मना रहे हैं। पंकज त्रिपाठी बॉलीवुड के वो सितारे हैं जो किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। लेकिन एक समय ऐसा भी था जब उन्हें कोई नहीं जानता था और मायानगरी में अपने सपनों को पूरा करने के लिए उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा था। आज अभिनेता के जन्मदिन के मौके पर हम आपको उनकी जिंदगी से जुड़ी कुछ बातें बताने जा रहे हैं।

गांव के नाटक से की अभिनय की शुरुआत
5 सितंबर 1976 को बिहार के गोपालगंज जिले के बेलसंड गांव में जन्मे पंकज त्रिपाठी को बचपन से ही एक्टिंग में रुचि थी। ऐसे में वह गांव में होने वाले नाटकों में लड़की का किरदार निभाने लगे, जिसे लोग काफी पसंद करते थे। पंकज नाटक में इतना अच्छा करते थे कि लोग उन्हें बॉलीवुड एक्ट्रेसेस के लिए खतरा बताते थे। लेकिन जब वह बड़े हो गए तो उन्होंने थिएटर का रुख किया। उनके पिता उन्हें पैसे नहीं देते थे। ऐसे में उन्होंने थिएटर से जुड़े रहने के लिए रात में होटल में काम करना शुरू किया और सुबह वह थिएटर में भाग लेते थे।

कॉलेज के दौरान जाना पड़ा जेल
पंकज त्रिपाठी कॉलेज के दौरान राजनीति में काफी सक्रिय थे। उन्होंने हिंदी से ग्रेजुएशन किया था और वह भाजपा के छात्र संगठन एबीवीपी का हिस्सा थे। ऐसे में एक बार वह किसी आंदोलन में हिस्सा ले रहे थे, जिसके वजह से उन्हें एक हफ्ते तक जेल में रहना पड़ा था। इसके बाद उन्होंने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (एनएसडी) में अपना सफर शुरू किया और 2004 में पढ़ाई पूरी कर मुंबई जाने का मन बना लिया।

मुंबई आए तो झेली आर्थिक तंगी
एनएसडी के बाद 16 अक्टूबर 2004 को पंकज त्रिपाठी ने मंबई का रुख किया। उस दौरान उनके पास 46 हजार रुपये थे, जो 25 दिसंबर तक 10 हजार ही बचे। एक बार इंटरव्यू के दौरान अभिनेता ने अपने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए कहा था कि मेरी पत्नी मृदुला का जन्मदिन था उस दिन और मेरे पास न तो केक के पैसे थे और न ही गिफ्ट के। वहीं, जब वह कुछ काम नहीं करते थे, तो उनकी पत्नी ही घर का खर्चा चलाती थीं। दोनों की एक बेटी आशी त्रिपाठी है।

‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ से चमकी किस्मत
2004 में आई ‘रन’ में छोटा सा किरदार निभाने के बाद वह कई फिल्मों में छोटे-छोटे रोल में नजर आए। लेकिन उनकी किस्मत 2012 में ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ से चमकी। इस फिल्म में उनके किरदार सुल्तान कुरैशी को दर्शकों का खूब प्यार मिला, जिसके बाद वह पहचाने जाने लगे। इसके बाद उन्होंने कई फिल्मों और वेब सीरीज में बेहतरीन अभिनय किया। ‘मिर्जापुर’ के कालीन भैया हो या फिर ‘क्रिमिनल जस्टिस’ के माधव मिश्रा, हर वेब सीरीज में उन्होंने अपने अभिनय से लोगों का दिल जीत लिया। वहीं, सेक्रेड गेम के गुरुजी बनकर भी छा गए थे। इसके अलावा वह ‘लूका छुपी’, ‘न्यूटन’, ‘बरेली की बर्फी’, ‘गुड़गांव’ सहित कई फिल्मों में नजर आए हैं।

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