वर्ल्‍ड बैंक, आईएमएफ, एडीबी के बाद S&P ने भी कहा- सुस्‍त रहेगी भारत की Economic Growth, लेकिन Global Slowdown का असर रहेगा कम

S&P ग्लोबल रेटिंग्स एजेंसी ने बताया कि वित्त वर्ष 2022-23 में भारत के आर्थ‍िक व‍िकास की दर 7 फीसदी तक रह सकती है।

अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी S&P ग्लोबल रेटिंग्स (International Rating Agency S&P Global Ratings) ने सोमवार (28 नवंबर) को चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के आर्थिक विकास (economic growth) के अनुमान को घटाकर 7 प्रतिशत कर दिया, हालांकि एजेंसी ने कहा कि घरेलू मांग वाली अर्थव्यवस्था वैश्विक मंदी से कम प्रभावित होगी। S&P ग्लोबल रेटिंग्स ने सितंबर में भारतीय अर्थव्यवस्था 2022-23 के लिए 7.3 प्रतिशत और अगले वित्त वर्ष (2023-24) के 6.5 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया था।

Global Slowdown का भारत पर असर होगा कम

S&P ग्लोबल रेटिंग्स के एशिया-पैसिफिक (Asia-Pacific) के प्रमुख अर्थशास्त्री लुइस कुइज ने कहा, “वैश्विक मंदी (Global Slowdown) का भारत जैसी घरेलू मांग वाली अर्थव्यवस्थाओं पर कम प्रभाव पड़ेगा। वित्त वर्ष 2022-2023 में भारत 7 फीसदी की ग्रोथ रेट और अगले वित्त वर्ष में 6 फीसदी की दर से बढ़ेगा।”

महंगाई दर 6.8 प्रतिशत रह सकती है

एजेंसी ने बताया कि वित्त वर्ष 2022-23 में औसत महंगाई दर 6.8 प्रतिशत पर रह सकती है। वहीं इसके साथ ही मार्च 2023 तक महंगाई को काबू करने के लिए आरबीआई ब्याज दर को 6.25 प्रतिशत तक बढ़ा सकता है, जो कि फिलहाल 5.9 प्रतिशत की दर पर है।

आरबीआई (RBI) ने पहले ही ब्याज दर में 1.9 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर 3 साल के उच्च स्तर 5.9 प्रतिशत पर पहुंचा दिया है। बता दें कि फरवरी में रूस-यूक्रेन युद्ध के प्रकोप के बाद मुख्य रूप से आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान के कारण पूरे साल भारत की थोक और खुदरा मुद्रास्फीति दर काफी अधिक थी, लेकिन अक्टूबर से इसमें गिरावट आई है।

अन्य संस्थाओं ने भी भारत के ग्रोथ रेट को किया कम

बता दें कि विश्व बैंक (World Bank) ने भी भारत के लिए अपने विकास अनुमान को 100 बेसिस पॉइंट्स घटाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया है। वहीं आईएमएफ (IMF) ने भी इसे 7.4 प्रतिशत से घटाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया है। एशियाई विकास बैंक (Asian Development Bank) ने भी भारत के ग्रोथ को 7.5 प्रतिशत से घटाकर 7 प्रतिशत कर दिया है। आरबीआई को उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक विकास दर 7 फीसदी रहेगी।

बता दें कि देश में खुदरा महंगाई दर (Consumer Price Index) में कमी आई है। पिछले महीने अक्टूबर में खुदरा महंगाई दर घटकर 6.77 फीसदी हो गई है। जबकि सितम्बर में यह 7.41 प्रतिशत थी, वहीं अगस्त महीने में यह 7 प्रतिशत थी। यानी खुदरा महंगाई दर पिछले तीन महीने के न्यूनतम स्तर पर है।

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