अंकिता मर्डर केस में VIP पर सस्पेंस:उसी ने अंकिता से एक्स्ट्रा सर्विस मांगी थी; रिसॉर्ट की पूर्व कर्मचारी बोली- वहां अक्सर VIP आते थे

उत्तराखंड में 19 साल की अंकिता भंडारी की हत्या से लेकर अंतिम संस्कार तक कई पहलू गंभीर सवाल खड़े कर रहे हैं। हत्या का आरोप पूर्व मंत्री विनोद आर्य के बेटे पुलकित आर्य पर है। वह अंकिता के मर्डर के 4 दिन बाद तक पुलिस की गिरफ्त में नहीं आया था, क्योंकि पुलिस ने उसकी तलाश ही नहीं की।

अंकिता का फोटो वायरल होने के बाद लोग सड़कों पर उतरे, तो पुलकित के परिवार ने ही उसे बचाने के लिए पुलिस को सौंपा। उसकी निशानदेही पर ही अंकिता का शव बरामद हुआ। इस दौरान भाजपा की महिला विधायक रेणु बिष्ट बेहद सक्रिय रहीं और कई जगह उनकी मौजूदगी से सवाल उठे।

इधर, रिसॉर्ट में काम कर चुकी एक पूर्व महिला कर्मचारी ने दावा किया है कि रिसॉर्ट का मालिक पुलकित आर्य और अंकित गुप्ता लड़कियों से बदसलूकी करते थे। पूर्व कर्मचारी ने कहा, ‘मैंने वनंतरा रिसॉर्ट मई में जॉइन किया था, लेकिन जुलाई में नौकरी छोड़ दी थी। पुलकित आर्य और अंकित गुप्ता लड़कियों से बदसलूकी करते थे और उन्हें अपशब्द कहते थे। वे रिसॉर्ट में लड़कियां लाते थे, वहां VIP भी आते थे।’

अंकिता की हत्या का मामला अब SIT देख रही है, लेकिन केस दर्ज करने से लेकर जांच तक में लेटलतीफी और गैर जिम्मेदारी से जुड़ी ऐसी कई कड़ियां हैं, जिनके जवाब पुलिस या प्रशासन के पास नहीं हैं। आरोप है कि पुलकित अंकिता को वेश्यावृत्ति में धकेलना चाहता था। अंकिता ने इसका विरोध किया तो मार दिया। मामला इसलिए भी संदिग्ध है, क्योंकि इस केस से जुड़े 5 सवाल ऐसे हैं… जिनके जवाब पुलिस नहीं दे रही है…

सवाल-1: आरोपी ने जिस VIP को खुश करने को कहा, जांच में उसका नाम क्यों नहीं?

अंकिता ने अपनी दोस्त को वॉट्सएप चैट में बताया था कि एक VIP गेस्ट आने वाला है। रिसॉर्ट मालिक पुलकित आर्य दबाव बना रहा है कि तरक्की चाहिए तो उस गेस्ट को ‘एक्स्ट्रा सर्विस’ देनी पड़ेगी। इसके 10 हजार रुपए मिलेंगे। अंकिता ने साफ इनकार कर दिया। इस पर पुलकित-अंकिता में झगड़ा हुआ। इसी दौरान उसे नहर में धकेलकर मार दिया गया। पुलिस जांच में अभी तक यह नहीं आया कि वह VIP गेस्ट कौन था। अंकिता ने दोस्त को बताया था कि वह गेस्ट पहले भी कई बार रिसॉर्ट में आता रहा है। अंकिता ने भी इसका अंदेशा पहले ही जता दिया था।

सवाल-2: VIP के लिए बुक कमरे में सबसे पहले आग क्यों, लगाने वाले का पता नहीं?

जब लोग रिसॉर्ट के बाहर विरोध कर रहे थे, तब भाजपा विधायक रेणु बिष्ट भी वहीं थीं। इसी बीच रिसॉर्ट में आग लगाने की खबर आई। सबसे पहले उस कमरे में आग लगाई गई, जो VIP गेस्ट के लिए बुक था। आगजनी किसने शुरू की, कोई नहीं जानता। वह वहां ठहरा या नहीं, इसका भी पुख्ता रिकॉर्ड नहीं है।

इस मामले में अहम यह है कि फॉरेंसिक टीम कमरे में जांच के लिए 26 सितंबर को पहुंची, जबकि इसे शनिवार को ही खाक कर दिया गया था। हालांकि, पौड़ी के SSP शेखर सुयाल का दावा है कि उनकी टीम ने 22 सितंबर को ही रिसॉर्ट की वीडियोग्राफी करा ली थी।

सवाल-3: पानी में पांच दिन रहकर भी शव क्यों नहीं फूला, न उसे नुकसान पहुंचा?

पुलिस के अनुसार, अंकिता की हत्या 19 सिंतबर को हुई। उसका शव 24 सितंबर को बरामद हुआ था, वो भी उसी जगह, जहां उसे फेंका गया था। ऐसे में सवाल उठता है कि बहती नहर में 5 दिन तक शव एक जगह ही कैसे पड़ा रहा? उस पर किसी की नजर क्यों नहीं पड़ी? शव फूला क्यों नहीं, जबकि अक्सर ऐसा ही होता है।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक, अंकिता के शरीर पर चोटें थीं, खून बहा था, 1 दांत भी टूटा था। तो फिर 5 दिन तक मछलियों ने शव को नुकसान क्यों नहीं पहुचाया? यानी हत्या का समय भी संदिग्ध है।

सवाल-4: जिस मोर्चुरी में शव था, वहां परिवार से पहले पहुंचकर विधायक क्या कर रही थीं?

भाजपा विधायक रेणु बिष्ट मॉर्चुरी में भी परिवार से पहले पहुंच गई थीं। शव 24 सितंबर को बरामद हुआ था। इस सूचना के बाद अंकिता के पिता और भाई नहर पर गए। लेकिन, उन्हें शव देखने नहीं दिया गया। शव ऋषिकेश AIIMS की मॉर्चुरी में रखवाया गया। कुछ देर बार जब परिवार मॉर्चुरी पहुंचा, तो विधायक रेणु बिष्ट वहां पहले से मौजूद थीं। इसके बाद लोगों ने विरोध किया, उनकी कार के शीशे फोड़े, तब उन्हें वहां से जाना पड़ा।

सवाल-5: बुलडोजर चलने चुप्पी क्यों, सवाल उठे तो DC बोले- हमने आदेश नहीं दिए?

शुक्रवार की रात रिसॉर्ट पर बुलडोजर चला। कुछ दीवारें गिराई गईं, हालांकि बिल्डिंग का स्ट्रक्चर सुरक्षित रखा। जिस समय यह घटना हुई, तब भी भाजपा विधायक रेणु बिष्ट वहीं थीं। इस घटना के 24 घंटे बाद अंकिता के परिवार ने आरोप लगाए कि सबूत मिटाने के लिए बुलडोजर चलाया गया। उसके बाद DC और SDM ने कहा कि उन्होंने बुलडोजर चलाने के आदेश नहीं दिए थे। अब इस बात की भी जांच हो रही है कि बुलडोजर किसने चलवाया।

पूर्व मंत्री के बेटे ने शराब पीने के बाद अंकिता को नहर में धक्का दिया

अंकिता भंडारी 18 सितंबर से गायब थी। इसके बाद उसके पिता ने रिसॉर्ट पहुंचकर कर्मचारियों से पूछताछ की थी। बेटी का पता नहीं चलने पर उन्होंने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। अंकिता 17 सितंबर की रात करीब 8 बजे पुलकित आर्य, उसके रिसॉर्ट मैनेजर सौरभ भास्कर और अंकित उर्फ ​​पुलकित गुप्ता के साथ ऋषिकेश गई थी।

लौटते समय तीनों आरोपियों ने चीला रोड के किनारे शराब पी। इस दौरान अंकिता ने रिसॉर्ट में अनैतिक गतिविधियों का विरोध किया था। उसने धमकी भी दी कि वह सभी को यहां चलने वाली अनैतिक गतिविधियों के बारे में बता देगी। इस बात से गुस्साए पुलकित और उसके साथियों ने लड़की को नहर में धकेल दिया। तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर  लिया गया।

अंकिता घर केवल मातम, उसे पहली सैलरी की जगह दर्दनाक मौत मिली

अंकिता के गांव में अभी महज 50 लोग रहते हैं। 20 साल पहले यहां की आबादी करीब 200 थी। ये लोग रोजगार की तलाश में पलायन कर गए। अंकिता का परिवार, दोस्त, रिश्ते सब इसी गांव में हैं। वह भी परिवार की मदद करना चाहती थीं, इसलिए 12वीं के बाद होटल मैनेजमेंट का कोर्स किया और काम के लिए ऋषिकेश आ गईं। पहली सैलरी मिलने से पहले ही अंकिता की जिंदगी खत्म हो गई।

पिता का दर्द: लोग कह रहे कि मैंने पैसे लेकर बेटी का अंतिम संस्कार होने दिया

‘आप गांव में किसी से भी पूछ लीजिए कि अंकिता कैसी लड़की थी। आगे बढ़ने के सपने देखती थी। लोग कह रहे हैं कि मैंने पैसे लेकर उसका अंतिम संस्कार होने दिया। ये सही नहीं है। मैं अंकिता की कसम खाकर कहता हूं।’ कई घंटे से लगातार रो रहीं अंकिता की दादी को संभालते हुए उसके पिता बीरेंद्र सिंह भंडारी ये बात कहते चले गए। घर में अब अंकिता की मां और 21 साल का भाई है। वे कहते हैं- मैं चाहता हूं कि तीनों आरोपियों को फास्ट ट्रैक कोर्ट से फांसी की सजा मिले।

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